जो संभावनाओ को संभव बनाए,
वही तो योग कहलाए ।
अब स्वस्थ शरीर संयोग का, क्योंकि जरूरत है हमें योग का
"योग" शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के "युज" शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है जोड़ना या मिलना यानी आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन।
- विश्व योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
- यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन में से एक होता है।
- ठीक उसी प्रकार योग भी मनुष्य को एक लंबा जीवन प्रदान करता है अर्थात् दीर्घायु बनाता हैं।
- योग अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है।
- योग, मन, शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है।
- यही कारण है कि योग से शारीरिक बीमारियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
✍️✍️योग की उत्पत्ति
योग का उदय प्राचीन भारत में हुआ था। योग का जिक्र भगवद् गीता में भी किया गया है। भगवद् गीता में वर्णित "सिद्धासिद्धयो समोभूत्वा समत्वं योग उच्चते" का अर्थ है दुःख-सुख, लाभ-हानि, दोस्त-दुश्मन, ठंडा और गरम आदि कलह में हमेशा समभाव रखना योग है।
- पूर्वजों का मानना है कि भारतीय पौराणिक युग से योग की जड़े जुडी़ हुई हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव थे जिन्होंने योग कला को जन्म दिया।
- शिव, जिन्हें आदि योगी के रूप में भी माना जाता है। यह पूरे दुनिया के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
- सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि सिंधु-सरस्वती सभ्यता उत्तर भारत में थी । जिसने 5000 वर्ष पूर्व इस शानदार कला की शुरूआत की थी।
- ऋग्वेद में पहली बार इस समयकाल का उल्लेख किया है। योग की पहली प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पन्तजलि द्वारा की गई थी।
✍️✍️स्वास्थ्य लाभ के लिए जीवन का योग
- COVID-19 जैसी महामारी एक अनभ्यस्त मानवीय त्रासदी रही है।
कोरोना के शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के अलावा, COVID-19 महामारी ने मनोवैज्ञानिक पीड़ा और मानसिक पीड़ा को भी बढ़ावा दिया है। जिसमें अवसाद और चिंता भी शामिल है।
- दुनिया भर के लोगों ने स्वस्थ और तरोताजा रहने और महामारी से जीवन-मौत की लड़ाई लड़ने के लिए योग को अपनाया ।
- योग कोरोना जैसे महामारी में बीमार लोगों को एकाग्रचित्त एवं स्वस्थ रखने का काम किया हैं।
- योग एक अद्भुत तरह का व्यायाम है, जो शरीर और मन दोनों को नियंत्रित कर के रखता है।
- मनुष्य जीवन में योग का एक अलग ही महत्व है।
- योग से तनाव कम होता है, शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है।
- योग से सकारात्मकता का भाव उत्पन्न होता हैं, जिससे शरीर रोग का आवास नहीं बन सकता।
- मन शांत और एकाग्र रहता है।
- योग से मनुष्य का मनोबल बढ़ता हैं और सकारात्मक भाव के कारण मनुष्य का मनोविकास होता है।
- योग से हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता और शरीर में सकारात्मक उर्जा की प्रवाह होती हैं।
- जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता है।
- हमारा शरीर लचीला बनता हैं।
- हमें थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता हैं।
✍️✍️निष्कर्ष
- अपने दैनिक जीवन में योग की शुरुआत करने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
- यह हमारे तनावपूर्ण जीवन के लिए एक बड़ी राहत प्रदान करता है।
- योग भारत वर्ष के लोगों के लिए एक अमिट उपहार हैं।
- यह आश्चर्यजनक है कि कैसे इस उम्र में मन, शरीर और सोच अभी भी काम करती है।
- दुनिया भर के योग चिकित्सक अपने नियमित जीवन में योग को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों से आग्रह करते हैं।
- हम भारतवासियों के लिए गर्व का विषय है कि तन और मन को फिट रखने के लिए हमारी प्राचीन कला स्वीकार की गई और दुनिया भर में इसकी सराहना की गई है।
भारत कई तरह के खजानों का देश है और हम दुनिया के साथ उनमें से सबसे अच्छे खजानों में से एक (योग) को साझा करते हुए बहुत प्रसन्न हैं।
योग को अपनाए,
बीमारी दूर भगाए ।
👳♀️ दिव्यांशु 👳♀️
टिप्पणियाँ
बहुत ही उम्दा.. ।👌