सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

"महेश्वरी की कहानी, दिव्यांशु की जुबानी "

संदीप महेश्वरी का जन्म दिवस :-

‌पब्लिक स्पीकर संदीप महेश्वरी का जन्म 28 सितंबर 1980 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। यह मध्यम वार्गीय परिवार से तालुक रखते थे।


संदीप महेश्वरी का शुरुआती जीवन :-


  • ‌एक शांत स्वाभाव के स्कूली बच्चे से लेकर एक पब्लिक स्पीकर होने तक उनका जीवन उथल-पुथल भरा रहा है।


  • ‌ महेश्वरी अपने परिवार की चल रहे एल्युमीनियम व्यवसाय में मदद करना चाहते थे लेकिन उनका व्यवसाय छितरा गया।

      Photo courtesy :- Blogmotivation


  • ‌महेश्वरी के परिवारवालों का कहना था की वह व्यवसाय ना करें । लेकिन परिवारवालों ने उनको अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए मजबूर किया।


  • ‌अपने कॉलेज के शुरुआती दौर में, महेश्वरी मॉडलिंग की दुनिया के ठाठ बाट और चकाचौंध से प्रभवित हो गए थे ।


  • ‌इन्होंने 19 वर्ष की उम्र में ही मॉडलिंग शुरू कर दी थी लेकिन कुछ परेशानियों के वजह से उन्हें मॉडलिंग का काम त्यागना पड़ा।


  • मॉडलिंग छोड़ने के बाद इन्होंने फिर कुछ अलग करने का सोचा और फोटोग्राफी सीखने में दिलचस्पी दिखाये और साथ-साथ अपनी खुद की मॉडलिंग एजेंसी शुरू करने का फैसला किया।


  • ‌उन्होंने कॉलेज लाइफ के तीसरे वर्ष से अपनी पढ़ाई छोड़ दी ।


  • ‌और फोटोग्राफी की एक छोटी सी ट्रेनिंग लेने में शामिल हो गए ।


  • ‌इन्हें यहाँ भी विफलता हाथ लगी। शायद इनके किस्मत को कुछ और ही मंजूर थी।

    Photo courtesy :- DNA India

  • ‌2001 में एक स्वतंत्र फोटोग्राफर के रूप में काम करना शुरू किया और एक स्टूडियो के मालिक होने के बावजूद, उन्होंने इसे किराए पर लेने का फैसला किया।


  • संदीप की ख्वाहिश थी की उनका अपना कंपनी हो अर्थात् वह उसके मालिक हो । जिसके कारण उन्होंने कई कंपनियां की शुरुआत कीं और कई व्यावसायिक विचारों को आजमाया लेकिन उनमें से अधिकतर एक या एक वर्ष से पहले विफल हो गया।


  • 2003 में, इन्होंने 122 मॉडलों के 10,000 से अधिक शॉट्स क्लिक करने के लिए केवल 10 घंटे 45 मिनट का समय लिया। और तब इनका नाम गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ। यह इनके जीवन का दिलचस्प मोर था।


महेश्वरी की संघर्ष कहानी :–


  • ‌बार-बार नाकाम होने और बुरे दौर से सबक सीखने के बाद, उन्होंने बहुत कठिन तरीके से सफलता प्राप्त की है।


  • ‌जब महेश्वरी 10वी में उत्तीर्ण हुए तब पिता का एल्युमीनियम का व्यवसाय चला गया। आर्थिक स्थिति को सम्भालने के लिए वह अपने पिता के साथ पीसीओ शॉप पर बैठा करते थे ।


  • ‌आर्थिक रूप से कमजोर होने के वजह से इनकी पढ़ाई सही से नहीं हो पा रही थी। इन्होंने किसी तरह 12 वी की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद पैसे कमाने के बारे में सोचा और यहीं से पैसे कमाना शुरू किया।

     Photo courtesy :- Scoopearth.com


  • ‌ जब संदीप महेश्वरी 12वी कक्षा में थे तब उन्होंने घर पर ही लिक्विड सोप बनाया और उसे पैक करके घर-घर जा कर बेचते थे। इससे उन्हें जो भी मुनाफा होता था उससे वह अपना परिवार चलाते थे।


  • ‌व्यवसाय में कंम्पीटीसन वाली बात यहाँ भी देखने को मिली कुछ लोग इनका प्रोडक्ट खरीदते थे तो कुछ लोग नही भी। जिस वजह से आगे चलकर इनका यह भी व्यवसाय ठप पर गया।


  • ‌यह क्रिएटिव माइंड और कुछ-न-कुछ करते रहने वाले व्यक्ति थे। हमेशा कुछ अलग करने की सोचते रहते थे।


क्या आपको पता हैं आगे इन्होंने क्या-क्या किया?


  • ‌ इन्होंने बीकॉम के लिए अपना नामांकन किरोरीमल कॉलेज में नामांकन करवाया। परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के वजह से बीकॉम की पढ़ाई 2 साल में ही छोड़ दी।                                                                                                                    
  • ‌इनके पास फोटोग्राफी का एक अद्भुत कला था । जिसमें इन्होंने 2 वर्ष का शॉर्ट कोर्स कर रखा था।                                                                                                                 
  • ‌संदीप निरंतर मेहनत करते रहे पर सफलता हाथ से चुकती गई । निरंतर कोशिशों के बाद वह बार-बार असफल हो जाते थे। जो भी काम करते उसमे केवल नाकामयाबी ही मिलती थी।                                                                                                                   

संदीप और रुचि की शादी की रोचक कहानी :-


सबसे पहले हमलोग जान लें की संदीप महेश्वरी की होनेवाली पत्नी का नाम क्या था.......? रूचि महेश्वरी था।

 
दोनों का मिलन स्कूलिंग के समय ही हुआ था। तभी से वह एक-दूसरे को प्यार भरी निगाहों से देखते थे।

    Photo courtesy :- Bigtrue4u


स्कूल के बाद कॉलेज में पढ़ने आए संदीप महेश्वरी को कई बार असफलता हाथ लगी।


परंतु
शायद ऐसा इसलिए भी लगता हैं कि टीन एजर विद्यार्थी जीवन का एक प्रमुख और सफलता वाला उम्र होता हैं, लेकिन सामान्यतः इसी उम्र में विद्यार्थी अलग-अलग रास्ते पर भी चलने लगते हैं। जिस वजह से अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं।


लेकिन महेश्वरी सफल होने के बाद रुचि से शादी करना चाहते थे और पहले अपना करियर बनाना चाहते थे।


एक समय ऐसा भी आया जब महेश्वरी को सफलता हाथ लगी तब इन्होंने रुचि से शादी कर ली।


एक शानदार पब्लिक स्पीकर बनने तक की रूचि वाली सफर :-


यह भारत का बेस्ट युवा मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर उभरे है। वह अपने किसी भी सेमीनार के लिए पैसे नहीं लेते है ।

महेश्वरी का कहना है कि किसी भूखे को खाना खिला देना मुझे मेरे पैसे मिल जाएंगे।  समय-समय पर मुफ्त सेमिनार के द्वारा वह देश के युवा पीढी को प्रोत्साहित करते रहते है। 

2021 के अनुसार संदीप महेश्वरी की कुल सम्पति 35 करोड़ है। यह कमाई उनके कंपनी और ब्रांड से होती है।

    Photo courtesy :- StarBiz

  • ‌ संदीप महेश्वरी एक प्रसिद्ध भारतीय YouTuber है।  वह अपने YouTube चैनल से एक रूपये नही कमाते है।                                                                                                         
  • ‌ संदीप महेश्वरी का YouTube चैनल दुनिया का सबसे बड़ा Non--monetized YouTube चैनल है। उनके YouTube विडियो पर ads नहीं चलते है। वह अपने विडियो में किसी तरह का ads पसंद नहीं करते है।                                                                                                       
  • ‌ उनके YouTube चैनल पर 20 लाख से ज्यादा subscribers हो गए है। वह अपने चैनल या किसी भी वीडियोज में किसी भी चीज का प्रचार-प्रसार नहीं करते है। इसलिए उन्होंने अपना खुद का एक प्लेटफॉर्म बनाया। जिसका नाम – sandeepmaheshwari.tv  SMTV है।                                                                                                            
  • ‌संदीप माहेश्वरी ऐसे व्यक्तित्व वाले लोगों में से एक नाम है। जिन्होंने संघर्ष किया, विफलता हाथ लगी और सफलता, खुशी और संतोष की तलाश में आगे बढ़ते रहे।                                                                                                                     
  • ‌संदीप माहेश्वरी एक फोटोग्राफर, परिश्रमी और सार्वजनिक व्याख्याता  हैं। वह इमेज बाजार के संस्थापक और सीईओ हैं, जो दुनिया में भारतीय छवियों का सबसे बड़ा संकलन है।                                                                                                                 
  • ‌संदीप माहेश्वरी भारत के सबसे प्रसिद्ध सार्वजनिक वक्ता में से एक हैं।                                                                                                                     
  • ‌ वह अपनी विचारो से लोगों को प्रेरित करने की क्षमता के कारण भारतीय युवा पीढ़ियों के बीच बहुत प्रचलित हैं।                 


संदीप माहेश्वरी के अनमोल वचन :-


  • हमेशा याद रखो आप अपनी समस्या से कई गुना बड़े हो।                                                                  
  • ‌"सफलता", अनुभव से मिलती है और "अनुभव" बुरे अनुभव से ।                                                             
  • ‌अगर आप महानता हासिल करना चाहते हैं तो इजाजत लेना बंद करिये।                                                   

    Photo courtesy :- Amazon.com

  • ‌सफलता हमेशा अकेले में गले लगाती है, लेकिन असफलता हमेशा आपको सबके सामने तमाचा मारती है यही जीवन है।


  • ‌बुरा मत देखो बुरा मत बोलो बुरा मत सुनो ये नहीं बोलना है इसकी जगह बोलो..... अच्छा देखो, अच्छा बोलो अच्छा सुनो.....।


  • ‌पहली बार अगर आपने लाइफ में कोई भी गलती की है तो वो गलती नहीं है… लेकिन अगर उसी को आप बार-बार कर रहे हो तो ये गलती है......!


  • ‌एक इवेंट में फेल होने से आप लाइफ में फेल नहीं हो सकते एक इवेंट का एंड लाइफ का एंड नहीं है.........!                                                                                                                             
  • ‌जिस नज़र से आप इस दुनिया को देखेंगे, ये दुनिया आपको वैसी ही दिखेगा.......!                                                                                                                                          

अंत के कुछ शब्द :-


दोस्तों मैं आशा करता हूँ कि आपको संदीप महेश्वरी का जीवन परिचय पसंद आया होगा अगर आपको मेरा ये Blog पसंद आया हो तो अपने दोस्तों और अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करे और लोगों को भी यह जानकारी साझा करें।


अगर आपकी कोई प्रतिकिर्याएँ हे तो हमे जरूर बताये Post a comment में जाकर आप मुझे comment कर सकते है या मुझे सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर फॉलो कर सकते है ।


Facebook :- Divyanshu singh chauhan
Instagram :- Divyanshu_____15____chauhan
Twitter :- Divyrajput3
YouTube :- D chauhan Biology 
Blogger. Com :- Swatantrabharatkablog.blogspot.com


आपकी मुलाकात जल्द ही एक रोचक ब्लॉग के साथ होगी तब तक आप सभी को मेरे ब्लॉग पर बने रहने के लिए 

                                                         धन्यवाद ❤🙏


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"घंटाघर की दीदार, दिव्यांशु के साथ"

200 किलो की पेंडुलम और 50 किलो की सूईया वाली अनोखे घड़ी की अनसुनी दास्तान..........  दर्शकों, मैं दिव्यांशु आप सभी को बिहार की राजधानी पटना में स्थित  अद्भुत , अकल्पनीय , अविश्वसनीय 103 वर्ष पुरानी यादें की सैर कराता हूँ...........  पटना बिहार की राजधानी है। जो बिहार के सबसे बड़े शहरों में से एक है। यह जगह सिखों के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली माना जाता है । बिहार की राजधानी और सम्राट अशोक के इस पावन भूमि पर कई पर्यटन स्थल हैं तख्त श्री पटना साहिब, गुरुद्वारा, गुरुद्वारा गोबिंद घाट, गुरुद्वारा गुरु का बाग, गुरुद्वारा बाल लीला, पटना संग्रहालय, पटना  सचिवालय,  गोलघर एवं किला हाउस जैसे कई पर्यटन स्थल मौजूद हैं।  जिसमें आज हमलोग पटना सचिवालय भवन की परिभ्रमण करेंगे।  बिहार "सचिवालय भवन"  "घंटाघर" बिहार की राजधानी पटना में स्थित सचिवालय भवन जिसे " घंटाघर " भी कहते हैं यह गौरवशाली एवं उल्लेखनीय इतिहास में से एक हैं। जो अपने आँचल में आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक के इतिहास को समेटे हुए है।  यह सिडनी के प्रसिद्ध वास्तुकार , जोसेफ मुन्निंग्स द्वारा ड

Booker Prize :- "रेत की समाधि" पर बुकर का परचम

" गीतांजलि श्री" को मिला बुकर का सम्मान। "रेत की समाधि" ने लहराया साहित्य की दुनिया में परचम, देश हुआ गीतांजलि से आश्चर्यचकित।  "श्री" ने अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 जीत पूरे देश को किया गौरवांवित एवं रचा इतिहास ।  👉 हिंदी साहित्य को प्रथम बार मिली "भारतीय महिला बुकर गीतांजलि "   मौन रहने वाली "गीतांजलि श्री" की आवाज "रेत की समाधि" के द्वारा पूरे दुनिया में गूंज उठी है। "श्री" ने बुकर पुरस्कार जीतने के बाद कहा कि मैने कभी बुकर पुरस्कार जीतने की कल्पना नहीं की थी। कभी सोचा ही नहीं कि मैं यह भी कर सकती हूं। उत्तरप्रदेश के मैनपुरी की रहनेवाली "गीतांजलि श्री" फिलहाल दिल्ली में निवास कर रही हैं।      Photo courtesy :- seepositive.in "गीतांजलि श्री" लंबे समय से हिंदी लेखन में सक्रिय हैं।  "श्री" लगभग तीन दशक से लेखन शैली के लिए काम कर रही थी। 30 वर्ष के तपस्या के उपरांत उनकी पहली उपन्यास "माई" प्रकाशित हुई। इस उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद प्रतिष्ठित "क्रॉसवर्ड पुरस्कार&qu